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उमा शंकर चौधरी

चर्चित लेखक उमा शंकर चौधरी कविताएँ और कथा में समान रूप से लेखन कर रहे हैं। अभी तक तीन कविता-संग्रह हैंकहते हैं तब शहंशाह सो रहे थे, वे तुमसे पूछेंगे डर का रंग और चूँकि सवाल कभी ख़त्म नहीं होते।

दो कहानी-संग्रह हैंअयोध्या बाबू सनक गए हैं और कट टु दिल्ली और अन्य कहानियाँ।  यह तीसरा कहानी-संग्रहदिल्ली में नींद।

एक उपन्यासअँधेरा कोना।

आलोचना की भी दो-तीन पुस्तकें हैंकविताओं, कहानियों का विभिन्न भारतीय भाषाओं में अनुवाद हो चुका है। कविता-संग्रह कहते हैं तब शहंशाह सो रहे थे का मराठी अनुवाद साहित्य अकादेमी से म्हणे तव्हा राजाधिराज झोपेत होते शीर्षक से प्रकाशित है। कुछ कविताएँ भारत के अलग-अलग विश्वविद्यालयों के स्नातक-स्नातकोत्तर पाठ्यक्रमों का हिस्सा हैं। कहानियों और कविताओं पर कई विश्वविद्यालयों में शोध हुए और हो रहे हैं। हिन्दी कहानी के कई चुनिन्दा संकलनों में कहानियाँ शामिल हैं। साथ ही कई कहानियों का विभिन्न शहरों में नाट्य-मंचन भी हो चुका है।

साहित्य अकादेमी युवा सम्मान, भारतीय ज्ञानपीठ नवलेखन सम्मान, रमाकांत स्मृति कहानी पुरस्कार और अंकुर मिश्र स्मृति कविता पुरस्कार जैसे महत्त्वपूर्ण सम्मानों से सम्मानित हैं।

दिल्ली विश्वविद्यालय के एक महाविद्यालय में अध्यापनरत हैं।

अज्ञेय के उद्धरण

उमा शंकर चौधरी

मूल्य: Rs. 150

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अयोध्याबाबू सनक गये हैं

उमा शंकर चौधरी

मूल्य: Rs. 399

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